Mock Drill districts List:पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार ने देशभर के 244 जिलों में कल मॉक ड्रिल कराने का ऐलान किया है। ये मॉक ड्रिल राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात जैसे राज्यों के अलावा देश के अन्य हिस्सों में करवाई जाएगी…

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Mock drill district list – 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल: जानिए कहां-कहां होगी यह तैयारी और क्यों है ज़रूरी
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ गया है। हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने 7 मई 2025 को देशभर के 244 ज़िलों में मॉक ड्रिल (Mock Drill) आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियाँ की जा रही हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में प्रशासनिक तंत्र और नागरिकों की तत्परता की जांच करना है।
क्या है मॉक ड्रिल का उद्देश्य?
सरकार द्वारा मॉक ड्रिल करवाने के पीछे मुख्य उद्देश्य युद्ध या आतंकी हमले जैसे संकट की स्थिति में नागरिकों और प्रशासन को तैयार करना है। यह अभ्यास निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित होता है:
- आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली की क्षमता का मूल्यांकन करना।
- राज्य सरकारों, पुलिस, सेना, स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाना।
- आम नागरिकों को जागरूक करना कि संकट के समय उन्हें क्या करना चाहिए।
- कमज़ोरियों की पहचान कर समय रहते सुधार करना।
इन जिलों में होगी मॉक ड्रिल – पूरी सूची देखें
केंद्र सरकार की 2005 की सिविल डिफेंस डिस्ट्रीक्ट्स सूची के अनुसार देशभर में जिन जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, वे इस प्रकार हैं:
🟩 राजस्थान
कोटा, रावतभाटा, अलवर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर, अजमेर, बूंदी, जैसलमेर, नागौर (मेड़ता रोड), सीकर, गंगानगर, हनुमानगढ़, नाल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद, भिवरी, फुलेरा, जालोर, बेवर, लालगढ़
🟩 उत्तर प्रदेश
लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, आगरा, इलाहाबाद, बरेली, कानपुर, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, झांसी, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, बख्शी का तालाब, नरौरा, मुगलसराय, सरसावा
🟩 हरियाणा
अंबाला, हिसार, फरीदाबाद, गुड़गांव, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, झज्झर
🟩 गुजरात
अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, जामनगर, गांधीनगर, कांडला, कच्छ, ओखा, अंकलेश्वर, नलिया, वडिनार, मेहसाना, नवसारी, भरूच, ककरापुर, नर्मदा, भावनगर, दंग्स
🟩 जम्मू-कश्मीर
श्रीनगर, जम्मू, अनंतनाग, बारामूला, पुलवामा, लेह, कारगिल, कठुआ, कुपवाड़ा, डोडा, राजौरी, पूंछ, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतीपुर, उद्यमपुर, संब, अखनूर
🟩 पंजाब
अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, भटिंडा, पठानकोट, पटियाला, गुरदासपुर, फरीदकोट, रोपड़, संगरूर, बटाला, होशियारपुर, मोहाली, अजनामपुर, भाखड़ा-नांगल, अबोहर, कोठकापुर, हलवारा, बरनाला
🟩 अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल जिले:
- ओडिशा: भुवनेश्वर, पारादीप, राउरकेला, तालचेर, बालासोर, गोपालपुर
- बिहार: पटना, बरौनी, कटिहार, पुर्णिया, बेगूसराय
- असम: गुवाहाटी, तेजपुर, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, गोलाघाट
- महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, ठाणे, भुसावल
- पश्चिम बंगाल: कोलकाता, हावड़ा, दुर्गापुर, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग
- मध्यप्रदेश: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी
- गोवा: नॉर्थ और साउथ गोवा
- केरल: तिरुवनंतपुरम, कोचीन
- कर्नाटक: बेंगलुरु, मल्लेश्वर, रायचूर
- उत्तराखंड: देहरादून
- दिल्ली: नई दिल्ली और दिल्ली कैंट
- चंडीगढ़, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, झारखंड, मेघालय, मणिपुर, छत्तीसगढ़, दमन-दीव, दादरा नगर हवेली आदि।
इस मॉक ड्रिल से क्या होगा लाभ?
- मानव संसाधन की त्वरित प्रतिक्रिया: इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस एजेंसी की तैयारी किस स्तर की है।
- जन जागरूकता में वृद्धि: आम लोग जान पाएंगे कि इमरजेंसी में उन्हें क्या करना है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर टेस्टिंग: अलार्म सिस्टम, इवैक्यूएशन रूट्स, मेडिकल सपोर्ट आदि की व्यावहारिक जांच।
- युद्ध या आतंकी हमले की स्थिति में रणनीति: मॉक ड्रिल के माध्यम से एक “रियल-टाइम” परिदृश्य बनाकर एजेंसियों की क्षमता जांची जाती है।
निष्कर्ष
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि यह देश की सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है। यह सुनिश्चित करती है कि हर नागरिक, संस्थान और प्रशासनिक इकाई युद्ध या आतंकी हमले जैसे हालातों से निपटने में सक्षम हो।
डिस्क्लेमर: यह लेख जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। मॉक ड्रिल के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें/
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🟨 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
❓ मॉक ड्रिल क्या होती है?
उत्तर: मॉक ड्रिल एक तरह का पूर्वाभ्यास (Simulation Exercise) होता है, जिसमें आपातकालीन या आपदा की स्थिति को नकली रूप से दर्शाकर संबंधित एजेंसियों की प्रतिक्रिया और तैयारी का परीक्षण किया जाता है।
❓ मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर: इसका मुख्य उद्देश्य आपदा प्रबंधन एजेंसियों, प्रशासन, और नागरिकों को किसी भी आकस्मिक स्थिति — जैसे युद्ध, आतंकी हमला, प्राकृतिक आपदा आदि — के लिए तैयार करना होता है।
❓ 7 मई 2025 की मॉक ड्रिल क्यों हो रही है?
उत्तर: पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने 7 मई को 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है ताकि आपातकालीन स्थिति में तैयारियों की जांच की जा सके।
❓ किन जिलों में यह मॉक ड्रिल हो रही है?
उत्तर: राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, ओडिशा समेत कुल 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। पूरी सूची लेख में ऊपर दी गई है।
❓ क्या मॉक ड्रिल के दौरान स्कूल और दफ्तर बंद रहेंगे?
उत्तर: नहीं, सामान्यतः मॉक ड्रिल के दौरान स्कूल, कॉलेज और दफ्तर खुले रहते हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों से कुछ समय के लिए गतिविधियाँ रोकी जा सकती हैं। इसके लिए स्थानीय प्रशासन के निर्देश देखें।
❓ क्या मॉक ड्रिल में आम लोग भी शामिल होते हैं?
उत्तर: हाँ, मॉक ड्रिल में नागरिकों की भागीदारी भी जरूरी होती है, खासतौर पर इवैक्यूएशन (evacuation), सुरक्षा निर्देशों और प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं को समझने के लिए।
❓ मॉक ड्रिल कितने प्रकार की होती है?
उत्तर: मॉक ड्रिल के कई प्रकार होते हैं जैसे:
- फायर ड्रिल (Fire Drill)
- भूकंप अभ्यास (Earthquake Drill)
- रसायनिक/जैविक आपदा ड्रिल (CBRN Drill)
- आतंकी हमले की मॉक ड्रिल
- युद्धकालीन आपातकालीन अभ्यास
❓ क्या यह मॉक ड्रिल सिर्फ सिविल डिफेंस के लिए है?
उत्तर: नहीं, यह मॉक ड्रिल सभी आपदा प्रबंधन एजेंसियों, राज्य प्रशासन, पुलिस, सेना, अस्पतालों और आम नागरिकों की संयुक्त तैयारी के लिए की जा रही है।
❓ मॉक ड्रिल के दौरान क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर:
- अफवाहों से बचें।
- प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि कोई जानकारी न फैलाएं।
- यदि ड्रिल का हिस्सा हों तो पूरी संजीदगी से भाग लें।